भारत ही नहीं वरन विश्व साहित्य में मुँशी प्रेमचंद जी का एक अलग स्थान है, और बना रहेगा | शायद ही कोई ऐसा साहित्य प्रेमी होगा, जिसने मुँशी प्रेमचंद जी को न पढ़ा हो | शायद अब उनके बारे में कुछ और कहने को बचा ही नहीं है| वो एक महान साहित्यकार ही नहीं, एक महान दार्शनिक भी थे | मेरी तरफ से उस महान कलम के सिपाही को एक श्रद्धांजलि के रूप में समर्पित यह ब्लॉग, जिसमे मैं उनके अमूल्य साहित्य में से उनके कुछ महान विचार प्रस्तुत करूँगा........

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बहुत सही कहा ...
जवाब देंहटाएंआसार नहीं सचमच असार है जीवन..इक बूंद सा, इक लौ सा और इक कतरे सा...कब हाथों से निकल जायेगा पता भी नहीं चलेगा..
जवाब देंहटाएंbehtreen....
जवाब देंहटाएंMunshi ji bhee kamaal kee baten kah gaye!
जवाब देंहटाएंआप सभी लोगों का तहेदिल से शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंसही है ... जीवन ऐसा ही है क्षणभंगुर ...
जवाब देंहटाएंजीवन के प्रति इसी नैराश्य भाव के कारण हम अतिशय भाग्यवादी होकर रह गए हैं। जीवन असार है,तो फिर सार किसमें है? सार जिसमें भी है,उसे समझने के लिए भी जीवन चाहिए। अनुभव की चूक मालूम पड़ती है।
जवाब देंहटाएं(निवेदनःकृपया आसार को असार कर लें)
प्रशसनीय.... मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा
जवाब देंहटाएंबिलकुल सत्य
जवाब देंहटाएंसहमत और सच
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर विचार।
जवाब देंहटाएंईद की दिली मुबारकबाद।
............
हर अदा पर निसार हो जाएँ...
आप सभी लोगों का दिल से शुक्रिया ।
जवाब देंहटाएंbahut achcha laga is blog par aa kar
जवाब देंहटाएंKalam ke sipahi ko arpit meri rachnaayen :-
http://alokitajigisha.blogspot.in/2010/12/blog-post_21.html
http://alokitajigisha.blogspot.in/2012/02/blog-post_18.html
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया विचार प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंसत्यवचन।
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जवाब देंहटाएंअसार नहीं भाईजान अ -सार ,निस्सार कर लें -
पानी कैरा, बुद्बुदा अस मानस की जात ,
देखत ही बुझ जाएगा ,ज्यों तारा परभात .
सादर आमंत्रण,
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग 'हिंदी चिट्ठा संकलक' पर नहीं है,
कृपया इसे शामिल कीजिए - http://goo.gl/7mRhq
buzurgon ki soch me tatw to hota hi hai
जवाब देंहटाएंसुंदर विचार...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर ! http://blog.irworld.in/
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जवाब देंहटाएंप्रेमचंद को समर्पित
सुंदर -सार्थक संग्रह
आपको बहुत बहुत बधाई
bahut sunder.
जवाब देंहटाएंसुन्दर विचार, मोती सच्चे ."असार "कर लें भाईसाहब ("आसार" कुछ और चीज़ है कैसे आसार हैं ,क्या ब्योंत है कांग्रेस का 2014 में ,बतलाएं आपको लुटिया डूबेगी .)
जवाब देंहटाएंयकीनन ...
जवाब देंहटाएंNice post.....
जवाब देंहटाएंMere blog pr aapka swagat hai