"दूसरों की बुराइयों की हमें परवाह नहीं होती, अपनों ही को बुरी राह चलते देखकर दंड दिया जाता है| मगर अपनों को दंड देते समय इसका तो ध्यान रखना चाहिए की आत्मीयता का सूत्र टूटने न पाए|"
- मुँशी प्रेमचंद
बहुत गहरी और सुंदर बात...... शायद बच्चो के साथ काफी हद तक लागू होती है......
जवाब देंहटाएंसही है, आत्मीयता की कीमत पर किया सुधार अंत में दोनों के लिये दुखदायक सिद्ध हो सकता है.
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