"जवानी जोश है, बल है, दया है, साहस है, आत्मविश्वास है, गौरव है और वह सब कुछ जो जीवन को पवित्र, उज्जवल और पूर्ण बना देता है|"
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"जवानी का जोश घमण्ड है, निर्दयता है, स्वार्थ है, शोखी है, विषय-वासना है, कटुता है और वह सब कुछ है जो जीवन को पशुता, विकार और पतन की और ले जाता है|"
- मुँशी प्रेमचंद
प्रेमचन्द जी के ये अनमोल मोती गिरह बाँधने लायक हैं ......!!
जवाब देंहटाएंअनमोल वचन्।
जवाब देंहटाएंek hi vishy par do bhinn bhavabhivyaktiya prastut karna premchand ji jaise mahan lekhak ka hi karm hai .prashansniy prastuti !
जवाब देंहटाएंजीवन में उतार लेने योग्य विचार ....... उत्तम
जवाब देंहटाएंइसका अर्थ यह भी तो हुआ की जिसमे भी जोश, साहस, बल , आत्मविश्वास तथा जीवन को उच्च बनाने वाले तत्व हैं, वह युवा ही है !
जवाब देंहटाएंऔर होश के बिना जोश विनाशकारी है.
@ अनीता जी,
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा है आपने इसको यूँ भी कह सकते हैं|
इमरान जी,
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग वास्तव में अनमोल मोती का खज़ाना है !
महान कथाकार मुंशी प्रेमचन्द को समर्पित आपका ब्लॉग नायाब है !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
इमरान जी,
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग वास्तव में अनमोल मोती का खज़ाना है !
महान कथाकार मुंशी प्रेमचन्द को समर्पित आपका ब्लॉग नायाब है !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
इत्तफाकन आपके ब्लाग पर आना हुआ । वाकई विचारों के साथ चित्रों का आपका ये संग्रह अद्भुत है । धन्यवाद...
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