भारत ही नहीं वरन विश्व साहित्य में मुँशी प्रेमचंद जी का एक अलग स्थान है, और बना रहेगा | शायद ही कोई ऐसा साहित्य प्रेमी होगा, जिसने मुँशी प्रेमचंद जी को न पढ़ा हो | शायद अब उनके बारे में कुछ और कहने को बचा ही नहीं है| वो एक महान साहित्यकार ही नहीं, एक महान दार्शनिक भी थे | मेरी तरफ से उस महान कलम के सिपाही को एक श्रद्धांजलि के रूप में समर्पित यह ब्लॉग, जिसमे मैं उनके अमूल्य साहित्य में से उनके कुछ महान विचार प्रस्तुत करूँगा........

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सितंबर 20, 2011

अनंत ज्योति


"हमे जीवन इसलिए प्रदान किया गया है की सदविचारों और सत्कार्यों से उसे उन्नत करें और एक दिन अनंत ज्योति में विलीन हो जाएँ|"


                                                                - मुँशी प्रेमचंद 

7 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तम और अनुकरणीय विचार ...

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  2. बहुत सुंदर और प्रेरक विचार.. जीवन को एक दिशा प्रदान करता हुआ ...आभार!

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  3. बहुत ही दार्शनिक विचार । मुंशी प्रेमचंद को नमन । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है ।

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  4. जीवन को समझने के लिए यह विचार अच्छा लगा । धन्यवाद ।

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जो दे उसका भी भला....जो न दे उसका भी भला...